December 30, 2019

राम राम !

शीत का एक सर्द दिन,
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19 मार्च 2016 को उज्जैन छोड़ा था।
उसी दिन रात्रि 9:00 बजे नावघाट-खेड़ी पहुँचा।
5 अगस्त 2016 की सुबह नर्मदा किनारे का वह स्थान भी छोड़ा जहाँ पूरे चार माह 25 दिन रहा था।
बाद के एक हफ़्ते उसी छोटे से गाँव के एकमात्र बड़े से हॉस्पिटल में मेहमान था।
5 अगस्त को देवास आया और जहाँ साल भर से परफेक्ट कार सर्विस का वर्कशॉप है, उसके पिछले हिस्से में पूरे 3 साल 3 माह 23 दिन रहा।  24 नवंबर 2019 की शाम  वहाँ से उज्जैन आ गया हूँ।
अभी यहाँ से कहीं जाने का विचार नहीं है।
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कल साल का आख़िरी दिन है।
नया पोस्ट नए साल में।
राम राम !

 
  

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