December 22, 2019

युगान्तर - कविता / 22 / 12 / 2019

अग्नि और जल 
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आग जल रही है,
जल गर्म हो रहा है,
वह जल हो रही है,
वह आग हो रहा है।
हवा बह रही है,
रेत उड़ रही है,
वह हवा हो रही है,
वह रेत हो रहा है।
वह जो कि पुरुष है,
वह जो कि स्त्री है,
वह पुरुष हो रही है,
वह स्त्री हो रहा है,
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युगान्तर
कविता / 22 / 12 / 2019
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