सावधान ! होशियार !
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टुकड़े-टुकड़े गैंग के टुकड़े-टुकड़े होंगे,
टुकड़े-टुकड़े गैंग के टुकड़े-टुकड़े कर दो,
धर्म, जाति, भाषा, मज़हब के झगड़े छोड़ो,
मातृभूमि-चरणों पर अपना मस्तक धर दो,
मातृभूमि के शत्रु कई हैं, ये जो बहुरूपिए,
आज उनके चेहरे चिकने-चुपड़े, बेनक़ाब कर दो,
क़ातिल महबूबा के दिल में क्या है देखो,
अदाओं पर मत फ़िदा होना, बचना सीखो,
ये देश किसी परिवार की जागीर नहीं है,
हम सबकी भारत माता है कभी मत भूलो !
लोहा अभी गर्म है इसको, ठंडा मत होने दो,
हथौड़े पर ताकत लगाओ, और आघात कर दो !
पता नहीं वक़्त ऐसा फ़िर, कब आयेगा दुबारा,
हाथ से मत जाने दो, आज के इस सुअवसर को !
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टुकड़े-टुकड़े गैंग के टुकड़े-टुकड़े होंगे,
टुकड़े-टुकड़े गैंग के टुकड़े-टुकड़े कर दो,
धर्म, जाति, भाषा, मज़हब के झगड़े छोड़ो,
मातृभूमि-चरणों पर अपना मस्तक धर दो,
मातृभूमि के शत्रु कई हैं, ये जो बहुरूपिए,
आज उनके चेहरे चिकने-चुपड़े, बेनक़ाब कर दो,
क़ातिल महबूबा के दिल में क्या है देखो,
अदाओं पर मत फ़िदा होना, बचना सीखो,
ये देश किसी परिवार की जागीर नहीं है,
हम सबकी भारत माता है कभी मत भूलो !
लोहा अभी गर्म है इसको, ठंडा मत होने दो,
हथौड़े पर ताकत लगाओ, और आघात कर दो !
पता नहीं वक़्त ऐसा फ़िर, कब आयेगा दुबारा,
हाथ से मत जाने दो, आज के इस सुअवसर को !
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