Hindi Poetry
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सिर्फ वहीं तक चलना है,
जहाँ तक राह दिखाई दे!
सिर्फ तभी तक चलना है,
कदम जहाँ तक चल पाएँ,
चाह तो गहरी है लेकिन,
उमंग भी उतनी है उत्कट,
न्यौछावर सब कुछ करना है,
जितना, जैसा भी कर पाएँ!
योद्धा होना, योगी होना,
कर्मठ होना, त्यागी होना,
संकल्प नहीं, निश्चय होना,
असंभव है, जो डर जाएँ!
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