July 17, 2025

Fifty Years Hence.

50 वर्षों पहले

वर्ष था 1975

तब से भटक रहा हूँ। वैसे तो जन्मों जन्मों से भटक रहा हूँ ऐसा किसी ने बताया था। और मैंने भी उनकी बात को बिना संदेह किए सच मान लिया था। तब मुझे यह सूझा ही नहीं कि पता लगाऊँ कहीं वे मुझे भ्रमित तो नहीं कर रहे थे! मैं तो बस इस चिन्ता में डूब गया कि इस तरह से मुझे कब तक भटकते रहना है! यह तो बहुत बाद में पता चला कि भटकाव तो बुद्धि का स्वभाव ही है। और यह भी पता चला कि बुद्धि की कठिन से कठिन चेष्टा से भी बुद्धि का भटकाव दूर नहीं हो सकता है।

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