November 25, 2022

खुशबू की तरह,

 ~~दृश्य-अदृश्य~~

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वैसे भी कहाँ जा सकता हूँ, 

वैसे भी कहाँ मैं जाऊँगा!

ये बात और है, तुमको मैं,

नजर आऊँ, या न आऊँगा!!

फ़लक सा निखर जाऊँगा, 

रौशनी और महक की तरह,

ताज़गी और रौनक की तरह,

खुशबू सा बिखर जाऊँगा!!

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