~~दृश्य-अदृश्य~~
-----------©----------
वैसे भी कहाँ जा सकता हूँ,
वैसे भी कहाँ मैं जाऊँगा!
ये बात और है, तुमको मैं,
नजर आऊँ, या न आऊँगा!!
फ़लक सा निखर जाऊँगा,
रौशनी और महक की तरह,
ताज़गी और रौनक की तरह,
खुशबू सा बिखर जाऊँगा!!
***
~~दृश्य-अदृश्य~~
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वैसे भी कहाँ जा सकता हूँ,
वैसे भी कहाँ मैं जाऊँगा!
ये बात और है, तुमको मैं,
नजर आऊँ, या न आऊँगा!!
फ़लक सा निखर जाऊँगा,
रौशनी और महक की तरह,
ताज़गी और रौनक की तरह,
खुशबू सा बिखर जाऊँगा!!
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