कविता 11-06-2022
दावतें-अदावतें
------------©---------------
ख़बरें ही ख़बरें हैं काफी, दिल दहलानेवाली,
ऐसी भी हैं, और बहुत सी, दिल बहलानेवाली!
अंदेशे, भरोसे, उम्मीदें, तसल्लियाँ, मायूसियाँ,
संदेशे, शक-शुबहे, ग़ुस्ताखि़याँ, ख़ामोशियाँ,
राहतें, उलफ़तें, नफ़रतें, मुसीबतें, मासूमियाँ,
चाहतें, ग़फ़लतें, हसरतें, और गलतफ़हमियाँ!
बार बार पटरी से उतरती जा रही है जिन्दगी,
एक ही पटरी पर यूँ, चली जा रही है जिन्दगी!
***
ख़बरें
No comments:
Post a Comment