June 19, 2022

ज्ञात की परिसीमा

उम्र के पड़ाव

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चिड़िया का घोंसला 

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23 फरवरी 2022, रात्रि से 3 मार्च 2022 की सुबह तक बाहर था। अचानक ही जाना पड़ा। पता नहीं था कि लौटना भी होगा या नहीं। फिर लौट आया। पता नहीं, कब तक यहाँ और यहाँ के बाद कहाँ रहना है! 

23 फरवरी से कुछ समय पहले बालकनी में कार्डबोर्ड का एक पुराना बॉक्स सीलिंग फैन के लिए लगाए गए हुक में टांग दिया था। जब लौटकर आया, तो जैसी कि उम्मीद थी, गौरैया के एक कपल ने उसमें घोंसला बना लिया था। दो तीन बच्चे उसमें थे। दोनों पैरेन्ट्स (अभिभावक) दिन भर उनके लिए चारा खोजकर लाते रहते थे । दो तीन हफ़्तों में उनके पंख आ गये और वे सब बारी बारी से घोंसला छोड़कर चले गये। 

मैंने सावधानी से उस घोंसले को उतारकर देखा, उसमें अंडे या बच्चे नहीं थे।  फिर मैंने उसे कूड़ेदानी में फेंक दिया ।

इस घर का भू-तल मकान-मालिक के पास है। बाहर बरामदे में से मेरे तल पर आती सीढ़ियों के नीचे बहुत सा पुराना या कभी कभी काम में आनेवाला छोटा-बड़ा सामान रखा जाता है। वहीं एक वॉशिंग मशीन है जिस पर रखे पुराने जूतों में से एक में एक ऐसी ही चिड़िया ने तिनके जमा कर अंडे दे दिए थे। बीच बीच में कोई न कोई वहाँ से आता जाता भी था। पिछले हफ़्ते उनमें से दो चूज़े निकल आए। मैं वहाँ जाता तो चिड़िया उड़कर कहीं चली जाती थी। जब मैंने उन चूज़ों का स्नैप लेना चाहा तो देखा कि उनकी आँखें अभी, खुली भी नहीं थीं और किसी भी आहट पर वे अपनी चोंच खोल देते थे। चारे की उम्मीद और प्रतीक्षा में। दो-चार दिन पहले जब मैं उधर से गुजरा, तो वे शान्तिपूर्वक मुझे देखते रहे। आज कल में वे भी उड़ जाएँगे। 

वे भविष्य का अनुमान नहीं करते। कर भी नहीं सकते। असुरक्षा की कल्पना या सुरक्षा का विचार भी तात्कालिक ही होता होगा। 

मैं एक विचारशील मनुष्य जिसे उनसे अपने आपके श्रेष्ठ और शक्तिशाली होने का भ्रम है, भविष्य की चिन्ता और कल्पना की व्यर्थता को नहीं देख पाता। मैं यह भी नहीं देख पाता, कि मेरा क्या भविष्य है, यद्यपि कुछ बातों को जानता हूँ जिन्हें मैं अटल सत्य की तरह स्वीकार करता हूँ। और फिर भी कुछ निश्चित तौर पर नहीं कह सकता। मुझे नहीं पता कि मुझसे अधिक बुद्धिमान वे हैं, या मैं उनसे अधिक, मुझसे अधिक सुखी वे हैं, या मैं उनसे अधिक। मेरा सारा जीवन ज्ञात की परिसीमा, ज्ञात के दायरे में  केन्द्रित है। मुझे उनसे ईर्ष्या होने लगती है, और अपने आपकी असहायता पर तरस आने लगता है।

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