January 26, 2022

इन पलों में,

गणतंत्र दिवस, 26-01-2022,

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भारत आज 73 वाँ गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है।

भारत राष्ट्र को गणतंत्र के रूप में भारतवर्ष के संविधान के द्वारा मान्य किया गया है। गणतंत्र शब्द संभवतः अंग्रेजी के  :

"Republic"

का हिन्दी अनुवाद है, और  "Republic" शब्द संभवतः ग्रीक विद्वान्  Plato / अफ़लातून की एक रचना का शीर्षक है। 

फिर इस शब्द को संस्कृत भाषा से, 

"परि प्र अव लक्त" 

से भी संबंधित करना / माना जाना अनुचित नहीं होगा। 

सरल भावार्थ की दृष्टि से अंग्रेजी / ग्रीक भाषा का शब्द :

"Public"

भी संस्कृत भाषा के प्र-लौकिक / परिलौकिक / पारलौकिक से आया जान पड़ता है, क्योंकि इसकी व्युत्पत्ति कहाँ से हुई है, इस विषय में कोई संतोषजनक अन्य संकेत नहीं मिलता।

अफ़लातून के द्वारा रचित ग्रन्थ प्राकृतिक न्याय के आदर्श को आधार बनाकर मनुष्य के संदर्भ में समता, और विशेषतः स्त्री और पुरुष की समानता के विचार को महत्व देता है। 

ग्रीक दर्शनशास्त्र के दो प्रमुख पक्ष हैं तर्क और न्याय :

Logic and Justice.

यहाँ यह देखा जा सकता है, कि तर्क और न्याय की अवधारणा ग्रीक विद्वानों को भारतीय वैदिक षड्दर्शन के एक अंग न्याय-दर्शन से ही प्राप्त हुई है। 

इस न्याय-दर्शन का संबंध अवश्य ही ऋषि कणाद के वैशेषिक और ऋषि कौशिक के उलूक या औलूक्य दर्शन से है।

ग्रीक परंपरा में ही उलूक (owl) को बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है। इसका भी यही कारण है ।

वैशेषिक दर्शन पदार्थवाद (material-aspect) के आधार पर भौतिक जगत् की विवेचना करता है, जबकि औलूक्य या उलूक दर्शन न्याय अर्थात् तर्क के आधार पर। ऋषि कौशिक (कुश, कुशा, कौशिक) उलूक का ही पर्याय है। 

संपूर्ण ग्रीक संस्कृति कला, विज्ञान, गणित, राजनीति, वैचारिक और सामाजिक ताना-बाना इसी तर्क और न्याय की दो पटरियों पर गतिशील रही है। इस प्रकार, ग्रीक परंपरा का आधारभूत तत्व तर्क और न्याय ही था। किन्तु औलूक्य दर्शन में न्याय और तर्क के गुण-दोषों, त्रुटियों, विशेषताओं, और मर्यादाओं की भी विवेचना की गई है, जिसका उल्लेख ग्रीक परंपरा में शायद नहीं मिलता। 

तर्क और न्याय के वैदिक ऋषि हैं "गणक" जो कि पुनः बुद्धि के देवता गणेश, गणपति का ही पर्याय है क्योंकि गणक ऋषि का उल्लेख प्रधानतः गणपति अथर्वशीर्ष में ही पाया जाता है।

यहाँ यह कहना प्रासंगिक है कि ऋषि किसी ज्ञान की धारा का रूप-विशेष है, और ज्ञान जिस विषय का होता है, वह विषय भी  पुनः भौतिक, आधि-दैविक या आध्यात्मिक हो सकता है।

इस प्रकार  "Republic"   शब्द का यह अनुवाद भारतवर्ष के पुरातन, चिरंतन ज्ञान के अनुरूप समीचीन ही है। 

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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