September 08, 2017

इरमा !

आज की कविता
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इरमा !
नाम कितना सुन्दर लगता है न!
इरा और रमा का पर्याय,
इरा जो रमा है,
रमा, जो इरा है,
इरा ऐरावत सी,
इरावती सी,
ऐरावत,
जो इरा सा,
रमा जो चञ्चल,
अस्थिर,
केवल सुषुप्त हरि के चरण सहलाती,
किंतु वही इरा,
और वही रमा,
जब हो जाती है,
ऐरावत सी निरंकुश,
देती है पहले तो चेतावनी,
पर कर देती है सर्वनाश भी,
यदि उसकी संतान दुष्ट हो,
न करे उसका सम्मान,
हो उठे निरंकुश !
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