आज की कविता
हाथी और चीटियाँ
उनकी याददाश्त भी तेज होती है ।
फ़ूँक-फ़ूँक डर-डर कर क़दम रखते हैं,
कहीं चीटियाँ, दबकर मर न जाएँ!
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हाथी और चीटियाँ
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हाथी बहुत समझदार तो होते ही हैं,उनकी याददाश्त भी तेज होती है ।
फ़ूँक-फ़ूँक डर-डर कर क़दम रखते हैं,
कहीं चीटियाँ, दबकर मर न जाएँ!
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