अनन्तिम प्रश्न /
The Penultimate Question.
नया और पुराना समय
क्या "समय" नया या पुराना होता है?
क्या "हम" नये या पुराने होते हैं?
क्या "समय" के साथ "हम" बदल सकते हैं?
और,
क्या "समय" के न बदलने से "हम" नहीं बदलते?
क्या "समय", "हम" है?
क्या "हम", "समय" हैं?
फिर "समय" क्या है?
फिर "हम" क्या हैं?
क्या इस / इन दोनों प्रश्नों का कोई बौद्धिक उत्तर हो सकता है?
विचार / बुद्धि समय की सीमा में कार्य करता है ।
और समय, विचार / बुद्धि की सीमा में ।
विचार, बुद्धि और समय अन्योन्याश्रित हैं।
इसलिए,
इस / इन दोनों प्रश्नों का,
कोई बौद्धिक उत्तर नहीं हो सकता।
यह / ये दोनों प्रश्न अनन्तिम / penultimate इसीलिए हैं क्योंकि कोई भी प्रश्न अन्त से पहले तक ही हो सकता है।
अन्त के बाद क्या है?
क्या तब कोई प्रश्न है?
न त्वेवाहं जातु नासं न त्वं नेमे जनाधिपाः।
न चैव न भविष्यामः सर्वे वयमतः परम्।।१२।।
अध्याय २,
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