March 29, 2023

नया रास्ता!

 कविता 29-03-2023

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वो पुराने रास्ते सब खो गए,

वो पुरानी मंज़िलें नहीं रही, 

हमसफ़र भी अब नहीं कोई, 

हाँ अभी तो हूँ मैं अकेला ही!

किसी हमसफ़र की तलाश नहीं,

और मंजिल की भी तलाश नहीं!

न डर है और न उम्मीद ही कोई,

कोई भी चाह नहीं, आस नहीं!

बस है कौतूहल और उत्सुकता,

किससे मिलना है, कौन मिलना है, 

मिलने से या न मिलने से भी,

क्या मुझे खोना है, या मिलना है!

भूख लगती है, प्यास लगती है, 

थकान, नींद, अनायास आती है,

सहर होती है, शाम होती है,

मगर चिन्ता, फ़िक्र नहीं होती है,

वक्त ठहरा हुआ है या चलता है,

वक्त है भी, या नहीं, नहीं पता है!

मन नहीं बस पुर-सुकून अमन है,

चैन है, बस शान्तिपूर्ण जीवन है! 

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