सोलर फ्लेयर / Solar Flair
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दिनांक 06 सितम्बर 2022 को इसी ब्लॉग में "सोलर फ्लेवर" शीर्षक से एक पोस्ट मेंने लिखा था, जिसमें इस संभावना पर विचार किया था कि क्या 28-29 सितंबर 2022 के आसपास सौर ज्वालाएँ (Solar Flair) धरती तक आ सकती हैं! मुझे नहीं पता कि आनेवाले तीन चार दिनों में क्या हो सकता है, या होने जा रहा है। यद्यपि शायद ही कोई और भी इस पर गंभीरता से मेरी तरह ध्यान दे रहा हो! किन्तु इस सप्ताह वैश्विक स्तर पर हो रही राजनैतिक घटनाओं पर यदि दृष्टिपात करें तो लगता है कि धरती पर इस आकाशीय घटना का परिणाम अन्य रूपों में अवश्य ही हो रहा है। चीन, भारत, अमेरिका, ईरान, रूस, फ्रांस, जर्मनी, और अरब राष्ट्रों में जिस प्रकार की उथल-पुथल हो रही है, उससे तो यही लगता है कि धरती पर सूर्यदेवता के कोप का प्रभाव सर्वत्र ही देखा जा सकता है।
भारत की बात करें तो पी. एफ. आई. के विभिन्न ठिकानों पर पड़े एन. आई. ए. के छापों में बरामद दस्तावेज, और उससे जुड़े लोगों की गिरफ्तारी अवश्य ही स्थिति की गंभीरता का द्योतक है। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा, लेकिन यह तय है कि देश में उपद्रव और उत्पात हो सकते हैं, साम्प्रदायिक सौहार्द की स्थिति बिगड़ सकती है, जिसे नियंत्रित कर पाना विभिन्न राज्यों की और देश की सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती होगा।
ईरान में हिजाब के बहाने स्त्रियों का दमन और स्त्री-स्वातंत्र्य के समर्थकों का आन्दोलन भी वहाँ की सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। रूस, यूरोप और चीन में जनता शासन के दमन-चक्र से त्रस्त है। श्रीलंका, नेपाल और पाकिस्तान भी चीन की ऋण-नीति के चंगुल में फँसे हुए हैं। और स्वयं चीन में भी जनता का प्रखर असंतोष चरम पर है।
क्या इसे सौर ज्वालाओं के प्रभाव का ज्योतिषीय आकलन कहा जा सकता है?
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