सौर ज्वाला
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सूरज पर हुआ सौर विस्फोट, जिससे उठा सौर तूफ़ान शुक्र के समीप से गुजर चुका है। सूर्य से सबसे समीप का ग्रह बुध चूँकि तूफा़न की दिशा से बहुत दूर था, इसलिए बुध ग्रह उसकी चपेट में नहीं आ पाया। और यदि आ भी जाता तो वह उससे शायद ही प्रभावित होता, क्योंकि बुध ग्रह पर धरती जैसा कोई जीवन वैसे भी नहीं है, जिसे कोई ख़तरा हो सकता था। 20 अगस्त को उठा यह तूफ़ान शुक्र के समीप से 4 सितम्बर 2022 को गुजरा। नासा का (या दूसरा कोई अंतरिक्ष-यान) सैटेलाइट उससे बाल बाल बचा। अब वह तूफ़ान धरती की ओर बढ़ रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 28-29 सितम्बर तक यह हमारी धरती के सर्वाधिक निकट पहुँच सकता है। यह धरती को छू सकता है, या वैसे ही निगल सकता है जैसे जलती आग किसी मच्छर को। यदि यह धरती के समीप से होकर गुजर गया तो भी धरती को भीषण ताप का सामना करना होगा। यह भी हो सकता है कि धरती इस संकट से किसी हद तक बच भी जाए।
अगर किसी कारण से दुनिया खत्म हो जाए तो हमारे सपनों का क्या होगा? घर, जमीन, बैंक-बैलेंस, प्रियजनों आदि का क्या होगा? जो लोग भाग्य या संयोग से बच जाएँगे, उनकी हालत क्या होगी!
उम्मीद तो यही है कि ऐसा कुछ नहीं होगा, लेकिन हो ही गया तो यह पोस्ट लिखने का मौका फिर न मिलेगा!
तो क्यों न अभी ही इसका लाभ ले लिया जाए!
वैसे सारी चिन्ताएँ और योजनाएँ भी ईश्वर की ही तो हैं । पक्का पता नहीं है कि अगर कोई ईश्वर है तो वह हमारी प्रार्थना सुनेगा भी कि नहीं, या सुनकर अपनी योजना में कोई फेरबदल करेगा भी या नहीं!
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