October 18, 2024

ये सब क्या हो रहा है!!

कुछ भी!! 

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जय हो!

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जेहि पर कृपा न करहिं पुरारी। 

सो न पाव मुनि भगति हमारी।। 

(रा मा १/१३७/७)

तो दोनों को प्रसन्न करना जरूरी है!? 

नहीं एक को कर लो,  दूसरा अपने आप मान जाता है। दोनों अलग थोड़े हैं! 

ये तो रामायण का श्लोक है न!

नारायण को मजा आता है महादेव की भक्ति में, इसीलिए ऐसा कहा उन्होंने। 

मेरी अल्प बुद्धि में समझ नहीं आ रहा है।  दोनों अलग नहीं हैं तो दोनों कैसे हैं?

पुत्र!  इसको इस तरह समझो।

अग्नि एक ही होती है। अगर शरीर में है तो प्राण है, अगर भोजन बनाएँ तो ज्वाला है, दीपक जलाएँ तो बिजली है, होती तो एक ही है लेकिन जनसाधारण को समझाने के लिए भाषा में इसके अलग अलग नाम होते हैं। 

जब अनंत ऊर्जा सृष्टि की रचना करती है तो उसे ब्रह्मा कह देते हैं। जब सृष्टि का संचालन करती है तो उसे विष्णु कहते हैं। जब सृष्टि का संहार करती है तो उसे ही शिव कह देते हैं। और जब सिस्टम रिबूट करना होता है तो उसे प्रलय कहते हैं। ये अनंत ऊर्जा एक ही है। सृष्टि का कार्य करने के लिए उसके बहुत से रूप होते हैं। एकोऽहम् बहुस्यामि।। 

हाँ अब थोड़ा समझ में आया। 

जय हो प्रभु आपकी! 

हमें तो पुरारी मुरारी समझ में नहीं आते। हम तो बस माई के भरोसे हैं। वो हमारा ध्यान रखती है।

जय माता दी।

प्रेम से बोलो जय माता दी।

जोर से बोलो जय माता दी।

सब मिल बोलो जय माता दी! 

😂 👏 

भारत माता की जय! 

महात्मा गांधी की जय।!

जवाहरलाल नेहरू की जय! 

इंदिरा गांधी की जय!

राजीव गांधी की जय! 

सोनिया गांधी की जय! 

राहुल गांधी की जय!!

प्रियंका गांधी की जय!!

अरे अरे,  रुको जरा!

हाँ,  नरेन्द्र मोदी की जय! 

अमित शाह की जय!

अरविंद केजरीवालजी की जय! 

आतिशी मारलेना की जय!!

सब सन्तन की जय! 

सब दुष्टों की जय!

थक गए!!! 

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