October 06, 2024

चिड़ियाँ, मछलियाँ

और इंसान

आज की कविता

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हवा के समन्दर में, 

उड़ती हैं चिड़ियाँ,

जैसे नदी के जल में, 

सैर करती हैं मछलियाँ!

और हँसती हैं हम इंसानों पर,

जो रेंगते हैं नदी की तलहटी में,

या जंगलों मैदानों में, 

जानवरों, कछुओं और केंकड़ों जैसे!! 

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