February 14, 2011

~~~क्षणिका-३~~~

~~~~~क्षणिका-३~~~~~
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गर्मियों की दस्तकें थीं मौन अब तक ,
गर्मियाँ अब मौन दस्तक दे रहीं हैं !!
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4 comments:

  1. और वो मौन मुखर हो शीर्ष पर पहुँच कर फिर मौन हो जाता है
    सुन्दर विनय जी

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  2. कॉल बेल भी बजने वाला है.

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  3. धन्यवाद राहुलजी !
    सादर,

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  4. धन्यवाद सुनीता !
    सादर,

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