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~~~~~~~~~~~ ईश्वर ~~~~~~~~~~~~
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उसके 'अस्तित्व' के बारे में,
वे बहस में व्यस्त हैं,
कि वह है,
या नहीं है !
और 'कोई',
उनकी इस अंतहीन बहस से ऊबकर,
खुद ही उसकी तलाश में चल पड़ा ।
खोजते-खोजते,
उसे 'वह' मिल गया है, जिसे वह ईश्वर कह सकता है ।
लेकिन इस बीच वह खुद मिट चुका है ।
और वे,
वे अब भी बदस्तूर,
बहस में व्यस्त हैं ।
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January 10, 2010
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