January 10, 2010

ईश्वर.

___________________________
**********************************
~~~~~~~~~~~ ईश्वर ~~~~~~~~~~~~
___________________________
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

उसके 'अस्तित्व' के बारे में,
वे बहस में व्यस्त हैं,
कि वह है,
या नहीं है !
और 'कोई',
उनकी इस अंतहीन बहस से ऊबकर,
खुद ही उसकी तलाश में चल पड़ा ।
खोजते-खोजते,
उसे 'वह' मिल गया है, जिसे वह ईश्वर कह सकता है ।
लेकिन इस बीच वह खुद मिट चुका है ।
और वे,
वे अब भी बदस्तूर,
बहस में व्यस्त हैं ।
_______________________________
***************************************

No comments:

Post a Comment