December 16, 2014

क्रिसमस - 2014 ...

क्रिसमस - 2014 ...
सांता क्लाज़ और क्रेसेंट
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चाँद इतना नुकीला क्यूँ है.
देखकर झर गईं पंखुरियाँ,
-सूरजमुखी की,
ताकता है उदास सूरज,
चाँद को,
और देखता है तुम्हेँ,
-चाँद से खेलते हुए,
प्याज़ की परतों में जमा आँसू,
ठिठककर थम गए हैं,
और ओस की बूँदें,
उड़ रही हैं यूँ,
नाज़ुक बुलबुलों सी,
-कि डरता हूँ,
कहीं टकरा न जाएँ,
चाँद की धारदार किनारी से,
वैसे इस डर से भी सहम गया हूँ,
कि कहीं हो न जाए,
तुम्हारी हथेलियाँ,
लहूलुहान!
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