~~ कल का सपना : ध्वंस का उल्लास / 27 ~~
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1977 में विक्रम विश्वविद्यालय से गणित में M. Sc. करने के बाद रिसर्च करने की तीव्र अभिलाषा थी। किन्तु नौकरी करना अधिक जरूरी था। बहरहाल गणित में दिलचस्पी बनी रही। संस्कृत और गणित दोनों अस्तित्व की अपनी भाषा है। गीता पढ़ते हुए अध्याय 8 के प्रथम श्लोक पर आधुनिक गणित की धारा में कुछ कौंधा और प्रभु की कृपा से उसे व्यक्त भी कर पाया। सोचा उसे इस ब्लॉग के पढ़नेवालों को भी अर्पित कर दूँ !
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1977 में विक्रम विश्वविद्यालय से गणित में M. Sc. करने के बाद रिसर्च करने की तीव्र अभिलाषा थी। किन्तु नौकरी करना अधिक जरूरी था। बहरहाल गणित में दिलचस्पी बनी रही। संस्कृत और गणित दोनों अस्तित्व की अपनी भाषा है। गीता पढ़ते हुए अध्याय 8 के प्रथम श्लोक पर आधुनिक गणित की धारा में कुछ कौंधा और प्रभु की कृपा से उसे व्यक्त भी कर पाया। सोचा उसे इस ब्लॉग के पढ़नेवालों को भी अर्पित कर दूँ !
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