September 24, 2014

आज की कविता / 24/09/2014

आज की कविता / 24/09/2014
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कुछ मेंढक ज़हरीले होते हैं,
कुछ ज़हरीले मेंढक होते हैं,
कुछ मेंढक तो होते हैं शाकाहारी
तो कुछ शाकाहारी मेंढक होते हैं !
शाकाहारी हो या हो ज़हरीला,
ज़हरीला हो या शाकाहारी,
मेंढक तो आखिर मेंढक ही होता है,
उछलकूद करना है उसकी लाचारी !
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( © विनय वैद्य, उज्जैन,)

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