~~स्थितियाँ और मनःस्थितियाँ ~~
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1.यह जो है मन,
कितना अजीब है !
होते हुए !
या न भी होते हुए,
होने- न-होने के बीच,
बाहर और परे,
अछूता,
जहाँ 'कोई' नहीं होता,
जहाँ,
'अब', 'तब', और 'कब', 'जब'
'अभी', और 'कभी',
नहीं होता !
लगकर भी नहीं लगता,
लगाने से कभी लग भी जाता है,
तो जल्दी या फ़िर कभी,
विलग या सुलग जाता है.
सचमुच बहुत अजीब शै है,
यह जो है मन !
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2. जी !
आप कहते हैं,
'जी' मत लगाइए !
'जी !'
कहता हूँ मैं .
लेकिन क्या 'जी' लगाने की कोशिश करने से,
लग सकता है 'जी' ?
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3.वे दोनों,
खड़े हैं,
मेरे घर के पीछे,
जहाँ हर सुबह-शाम,
देखता हूँ उन्हें, !
एक-दूसरे के समीप,
एक-दूसरे के साथ,
जैसे दो प्रेमी,
सुबह-शाम,
घूमने के लिए,
हाथों में हाथ थामे,
जा रहे हों, साथ-साथ !
उनका एक ही साझा दिल है,
जिसे आप देख सकते हैं,
अगर आप उन्हें ध्यान से देखें तो .
पर्णवितान के विस्तार में,
आकाश के दिल सा .
और फ़िर उस पर्णवितान के बने दिल के भीतर भी,
पुनः एक दिल है,
आकाश का बना,
जिसके पार आप क्षितिज देख सकते हैं !
हर सुबह-शाम,
और कई बार जब भी समय मिलता है,
देखता रहता हूँ मैं,
इस प्रेमी युगल को,
सुनता रहता हूँ,
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1.यह जो है मन,
कितना अजीब है !
होते हुए !
या न भी होते हुए,
होने- न-होने के बीच,
बाहर और परे,
अछूता,
जहाँ 'कोई' नहीं होता,
जहाँ,
'अब', 'तब', और 'कब', 'जब'
'अभी', और 'कभी',
नहीं होता !
लगकर भी नहीं लगता,
लगाने से कभी लग भी जाता है,
तो जल्दी या फ़िर कभी,
विलग या सुलग जाता है.
सचमुच बहुत अजीब शै है,
यह जो है मन !
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2. जी !
आप कहते हैं,
'जी' मत लगाइए !
'जी !'
कहता हूँ मैं .
लेकिन क्या 'जी' लगाने की कोशिश करने से,
लग सकता है 'जी' ?
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3.वे दोनों,
खड़े हैं,
मेरे घर के पीछे,
जहाँ हर सुबह-शाम,
देखता हूँ उन्हें, !
एक-दूसरे के समीप,
एक-दूसरे के साथ,
जैसे दो प्रेमी,
सुबह-शाम,
घूमने के लिए,
हाथों में हाथ थामे,
जा रहे हों, साथ-साथ !
उनका एक ही साझा दिल है,
जिसे आप देख सकते हैं,
अगर आप उन्हें ध्यान से देखें तो .
पर्णवितान के विस्तार में,
आकाश के दिल सा .
और फ़िर उस पर्णवितान के बने दिल के भीतर भी,
पुनः एक दिल है,
आकाश का बना,
जिसके पार आप क्षितिज देख सकते हैं !
हर सुबह-शाम,
और कई बार जब भी समय मिलता है,
देखता रहता हूँ मैं,
इस प्रेमी युगल को,
सुनता रहता हूँ,
एक प्रेम-गीत,
सतत !!
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जी, बहुत अच्छा लगा. जी भर गया.
ReplyDeleteP.N.Subrahmanian,
ReplyDeleteThanks Sir for the compliments !