May 14, 2015

माटी कहे इन्सान से!

आज की कविता
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माटी कहे इन्सान से!
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शहर की मिट्टी, ख़ाक गर्द, धूल,
गाँव की मिट्टी, साँस, भभूति, फूल!
शहर की मिट्टी, मिट्टी में मिल जाती,
गाँव की मिट्टी, नेह में मुस्कुराती ।
शहर की मिट्टी, आँधी तूफ़ान बवण्डर,
गाँव की मिट्टी, प्यार का समन्दर,
शहर की मिट्टी, धूप में जलती सड़क,
गाँव की मिट्टी, भोर की उजली महक !
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©

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