~~~~~~~एक प्रश्न~~~~~~~
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एक प्रश्न : क्या आप वही हैं जो आप दिखने का प्रयास करते हैं..?
सभी मित्रों से उत्तर अपेक्षित है.. ...जोगी..
उत्तर : आपका सवाल शायद यह है, कि मैं दूसरों की नज़रों में जैसा
दिखलाई देना चाहता हूँ, क्या मैं सचमुच वह हूँ ?
क्या यह एक नामुमकिन सवाल नहीं है ?
क्योंकि अलग-अलग लोगों की नज़रों में मैं हमेशा अलग-अलग
ही रहूँगा ।
इसलिये असली सवाल यह है कि मैं अपने-आपकी नज़र में क्या हूँ !
दूसरे शब्दों में कहें, तो मेरी अपनी इमेज मेरी दृष्टि में क्या है ?
और थोड़ा धीरज़ से देखें, तो क्या मैं मेरी इमेज हूँ ?
इस बिन्दु पर आते-आते बुद्धि ठिठकने लगती है और धैर्य चुक जाता
है ।
लेकिन मेरे लिए इस सवाल पर गौर करना जीने की एकमात्र सार्थकता है ।
सादर !
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tark sangat uttar ke liye badhai!
ReplyDeleteआपका यह सवाल गूढ़ चिंतन के लिए प्रेरित करता है.
ReplyDeleteअपर्णाजी,
ReplyDeleteमैं साहित्यकार चिंतक या प्रचलित अर्थों में दार्शनिक भी नहीं हूँ ।
एक आत्म-जिग्यासु हूँ । जोगीजी का अनुरोध था अतः उत्तर देने
की कोशिश की । पढ़ने और टिप्पणी लिखने के लिए आभार ।
सादर,
पी एन सुब्रह्मण्यनजी,
ReplyDeleteटिप्पणी के लिए धन्यवाद !
सादर,