रसौली
दर्द एक गाँठ होता है प्याज की तरह,
छीलते जाओ, आँसू भी बहाते जाओ,
और आखिर को कुछ हाथ नहीं आना है,
हर किसी का यहाँ यही तो अफ़साना है!
***
रसौली
दर्द एक गाँठ होता है प्याज की तरह,
छीलते जाओ, आँसू भी बहाते जाओ,
और आखिर को कुछ हाथ नहीं आना है,
हर किसी का यहाँ यही तो अफ़साना है!
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