August 28, 2023

प्रश्न Question : 39

शिक्षा और संवाद

Education and Communication .

Question प्रश्न  39.

Compare the Contrast between

The Education and The Communication.

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शिक्षा और संवाद की तुलना :

शिक्षा 'शास्' धातु से उत्पन्न शासयति / शिक्षयति इति शिक्षकः के अर्थ में प्रयुक्त होता है। शिष्य 'शिष्' धातु से उत्पन्न 'शिष्य' और 'शिक्षु' / 'प्रशिक्षु' के अर्थ में प्रयुक्त होता है।

इसी प्रकार से 'ई' ईयते से 'अधि' उपसर्ग से 'अध्ययनम्', 'अध्येता' और 'अध्यापक' पदों की ओर अधि + ईयते से "Edit" की व्युत्पत्ति की जा सकती है। लिपिकीय और ध्वन्यात्मक दोनों ही प्रकार से इसकी पुष्टि की जा सकती है।

'संवाद' शब्द  'वद्' > वदति धातु से व्युत्पन्न है।

अंग्रेजी भाषा का  "Teach" "Touch" का उद्भव संस्कृत "त्वक्", "त्वङ्" से है और इन्हीं धातु तथा संज्ञा पदों से  Tongue / Touch की उत्पत्ति हुई है।  Tongue जहाँ 'जिह्वा' या जीभ के साथ साथ 'भाषा' का भी सूचक है, वहीं  'Touch' शब्द त्वचा और स्पर्श के अर्थ में प्रयुक्त होता है।

communication  शब्द संस्कृत भाषा की 'युञ्ज्' - युज्यते से 'सं' उपसर्ग के साथ बना है। अंग्रेजी भाषा के शब्द  "negotiate" भी इसी प्रकार से संस्कृत भाषा के "निगच्छति" शब्द का सजात / सज्ञात / cognate या अपभ्रंश है यह स्पष्ट है क्योंकि ध्वन्यात्मक और शब्द की व्युत्पत्ति, दोनों दृष्टियों से भी इसकी पुष्टि हो जाती है, और इस तरह से इस शंका का निवारण भी हो जाता है कि मनुष्यमात्र की भाषा का मूल उद्गम कोई भाषा-विशेष नहीं, बल्कि 'वाणी' अर्थात्  Phonetics है।

तैत्तिरीय उपनिषद् के प्रारंभ में ही "शीक्षावल्ली" में इसे "अथ शीक्षां व्याख्यास्यामः।।" के माध्यम से स्पष्ट कर दिया गया है।

इसी वल्ली में शिक्षा की सार्थकता, इस परिभाषा के

"अनुबन्ध-चतुष्टय" की पूर्व आवश्यकताओं के पूर्ण होने

के आधार पर, अर्थात् :

विषय - अधिकारी - सम्बन्ध - प्रयोजन,

इनमें से प्रत्येक पूर्व-आवश्यकता के पूर्ण होने की स्थिति में ही संभव है, इसका भी निर्देश कर दिया गया है।

इससे यह निष्कर्ष भी प्राप्त होता है कि --

"कौन सी भाषा सर्वाधिक प्राचीन है?"

पातञ्जल योग-सूत्र, विभूतिपाद के अनुसार :

शब्दार्थ प्रत्ययानामितरेतराध्यासात् संकरस्तत्प्रविभागसंयमात् सर्वभूतरुतज्ञानम्।।१७।। 

इससे भी यही सिद्ध होता है कि मूलतः यह प्रश्न ही त्रुटिपूर्ण है, क्योंकि ऐसी कोई भाषा है ही नहीं जिससे दूसरी भाषाएँ उत्पन्न होती हों। वैखरी स्वयं ही अराजक है वाक् / वाग् विचार (thought) है जो पुनः स्मृतिरूपी वृत्ति ही है। पश्यन्ती ही चेतना (consciousness) या  कि चित् / attention है, जबकि परा नित्य, शब्दातीत मौन वाणी है। 

मनुष्यों के परस्पर संवाद के लिए जहाँ जहाँ भी जिस किसी भी भाषा का जन्म हुआ वह "वैखरी" का ही एक प्रकार है। और इसीलिए वह मनुष्यों की प्रकृति अनुसार सर्वत्र भिन्न भिन्न है। चूँकि ध्वनि / स्वर पर आधारित भाषा के प्रयोग के पश्चात् ही लिपि का जन्म हुआ, इसलिए सर्वत्र ही अनेक, विभिन्न, विविध भाषाएँ भिन्न भिन्न लिपियों में लिखी जाने लगीं। इनमें से भी शारदा, ब्राह्मी और प्राकृत अपेक्षाकृत कुछ अधिक या पूर्णतः परिष्कृत और उन्नत हैं, जबकि अन्य कुछ लिपियाँ जैसे पैशाची, खरोष्ठी, कील-लिपि, शांक्व, या कोणीय (cuniform) आदि उतनी परिष्कृत नहीं हैं। 

प्रयोजन और प्रयोग के अनुसार दो ही भाषाएँ मूलतः सर्वाधिक प्राचीन हो सकती हैं - वे हैं वैदिक और लौकिक Secular .

वैदिक भाषा संस्कृत के ही दो प्रकार क्रमशः संस्कृत (नागरी / देवनागरी) तथा द्राविड लिपियों में लिपिबद्ध किए गए। नागरी और देवनागरी या द्राविड, दोनों ही लिपियों में लिपिबद्ध वैदिक शिक्षाओं को चिर-पुरातन काल से वाचिक परंपरा के द्वारा ही प्रदान किया जाता रहा है, किन्तु नागरी / देवनागरी का प्रयोग किए जाने पर उच्चारण की शुद्धता को दृष्टि में रखकर वेद और वेदमन्त्रों को ऊर्ध्व और अधो-रेखा के प्रयोग (Diacritical marks) के माध्यम से यथासंभव और सुनिश्चित किया गया।

चूँकि द्राविड (तमिष् / தமிழ்) लिपि में एक ही वर्ण का प्रयोग भिन्न भिन्न व्यञ्जनों के उच्चारण किया जाता है -

जैसे "क", "ख", "ग" और "घ" वर्णों के लिए  தமிழ் / द्राविड लिपि में "க" का ही प्रयोग होता है, इसलिए लौकिक प्रयोजनों के लिए वेद तथा वेदमन्त्रों को उस लिपि में लिखे जाने पर शुद्ध उच्चारण कर पाने में भ्रम और कठिनाई ही होती। और इसीलिए वेद और वैदिक शिक्षाओं को द्राविड भाषा में शुद्धतः लिपिबद्ध करने के लिए  "ग्रन्थ-लिपि" का प्रयोग किया जाता था।  इस दृष्टि से भी  தமிழ்  और संस्कृत / देवनागरी लिपियों के बीच विवाद का कोई कारण नहीं हो सकता। 

अब रहा प्रश्न शिक्षा और संवाद का, तो यह भी पुनः शिक्षक और शिष्य / छात्र  के बीच :

विषय अधिकारी सम्बन्ध प्रयोजन

की पूर्व आवश्यकताओं के अनुसार सुनिश्चित हो सकता है। 

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