राजनीतिक इच्छा-शक्ति
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देश के प्रथम प्रधान-मंत्री ने एक भयंकर भूल तब की थी जब बिना मंत्रिपरिषद की सलाह लिए, -बिना विपक्ष और संसद को विश्वास में लिए ही, पाकिस्तान की फौज द्वारा कबाइली हमले से भारतीय भूमि पर नाजायज़ कब्ज़ा कर लेने के बाद कश्मीर मामले को अनावश्यक रूप से यू.एन. में ले गए थे।
अब एक सुखद और शक्तिशाली सुझाव श्री सुब्रह्मण्यन स्वामी ने रखा है कि भारत, प्रथम प्रधानमंत्री श्री नेहरू द्वारा दाख़िल किए गए उस पिटीशन को विद्ड्रॉ कर इस पूरे प्रकरण को समाप्त कर सकता है !
और अभी श्री नरेंद्र मोदीजी के तेवर देखकर यह कार्य नामुमकिन नहीं लगता।
मोदी है तो मुमकिन है !
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पूरा कश्मीर हमारा है !
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देश के प्रथम प्रधान-मंत्री ने एक भयंकर भूल तब की थी जब बिना मंत्रिपरिषद की सलाह लिए, -बिना विपक्ष और संसद को विश्वास में लिए ही, पाकिस्तान की फौज द्वारा कबाइली हमले से भारतीय भूमि पर नाजायज़ कब्ज़ा कर लेने के बाद कश्मीर मामले को अनावश्यक रूप से यू.एन. में ले गए थे।
अब एक सुखद और शक्तिशाली सुझाव श्री सुब्रह्मण्यन स्वामी ने रखा है कि भारत, प्रथम प्रधानमंत्री श्री नेहरू द्वारा दाख़िल किए गए उस पिटीशन को विद्ड्रॉ कर इस पूरे प्रकरण को समाप्त कर सकता है !
और अभी श्री नरेंद्र मोदीजी के तेवर देखकर यह कार्य नामुमकिन नहीं लगता।
मोदी है तो मुमकिन है !
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पूरा कश्मीर हमारा है !
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