ख़ामख़याली / आजकल / 10 /04 /2014 ,
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उसने एक सपना देखा । मुझसे पूछा कि उसके सपने की व्याख्या करूँ । उसे पता है कि मैं उसके सपनों की (उसके शब्दों में -) अद्भुत व्याख्याएँ करता हूँ । एक स्वप्न । वह वहाँ है, मंगलनाथ के आसपास क्षिप्रा तट पर । जहाँ कोई स्वर उसे सुनाई देता है :
"यो वै रुद्रो स भगवान् याश्चापस्तस्मै वै नमो नमः ।"
मुझे उसके स्वप्न के बारे में बस इतना पता है कि शिव-अथर्व-शीर्षम् उसका प्रिय स्तवन है, और यह पंक्ति उसी स्तवन का 18 वाँ मंत्र है । उसके स्वप्न के विवरण में अन्य बातों के आधार पर मैं उसकी तसल्ली के लिए - मुझे जैसी उचित जान पड़ती है, वैसी व्याख्या उसे कह देता हूँ । फिर मुझे याद आता है कि उसने उसके स्वप्न में वातावरण के नम और आर्द्र होने तथा चारों ओर जल के विस्तार (बाढ़) का उल्लेख किया था । उसने वहाँ पर एक या दो बैल भी देखे, जिनमें से एक उसे पीठ पर बिठाकर वापस उसके घर छोड़ आया था ।
'आपः' से मुझे आप नाम के राजनीतिक दल की याद आई । अरविन्द केजरीवाल की पार्टी की । मुझे व्यक्तिगत रूप से किसी राजनीतिक दल या राजनीति में क़तई रुचि नहीं है । किन्तु 'आप:' अर्थात् जल से उस स्वप्न का संबंध साफ़ नज़र आ रहा था ।
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उसके जाने के बाद पंचांग खोलकर देखता हूँ तो पता चला कि 'प्लवंग' नामक संवत्सर इसी चैत्र प्रतिपदा से प्रारंभ हुआ है । जिसका अर्थ है : प्लवम् + गम् , अर्थात् 'बाढ़' की ओर जाने / ले जाने वाला । तात्पर्य यह कि इसे अगर 'क्ल्यू' मानें तो इस लोकसभा चुनाव में 'आप' के भारी बहुमत से विजयी होने की संभावना है, ऐसा कहा जा सकता है । अभी 'प्लवंग' के आगमन से पूर्व 'पराभव' नामक संवत्सर चल रहा था । इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि पिछले वर्ष जो था, उसका पराभव / हार होना है ।
लेकिन प्रधानमंत्री कौन होगा ? अरविन्द केजरीवाल की संभावना इसलिए कम है क्योंकि बाढ़ के पानी में 'अरविन्द' (कमल) नहीं खिलते । और इसी कसौटी पर भाजपा की सरकार (कमल) की विजय भी संदिग्ध जान पड़ती है । इसलिए मुझे लगता है कि कोई तीसरा ही 'प्रधानमंत्री' होगा ।
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कृपया ध्यान दें -
उपरोक्त पोस्ट सिर्फ शुद्ध मनोरंजन की दृष्टि से लिखी गई है, और इसे केवल उसी भावना से पढ़ा जाए ।
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और 'सिस्टम' ऑफ़ करते करते ख्याल आया कि उसके स्वप्न में 'नमो' का भी तो स्पष्ट उल्लेख / संकेत था ! क्या इसका अर्थ यह किया जाए कि भाजपा की overwhelming जीत होगी ? या यह कि भाजपा (नमो) 'आप' की सहायता से सरकार बनाएँगे ? अनुमान है बस,
आगे-आगे देखिए होता है क्या !
ख़ामख़याली
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उसने एक सपना देखा । मुझसे पूछा कि उसके सपने की व्याख्या करूँ । उसे पता है कि मैं उसके सपनों की (उसके शब्दों में -) अद्भुत व्याख्याएँ करता हूँ । एक स्वप्न । वह वहाँ है, मंगलनाथ के आसपास क्षिप्रा तट पर । जहाँ कोई स्वर उसे सुनाई देता है :
"यो वै रुद्रो स भगवान् याश्चापस्तस्मै वै नमो नमः ।"
मुझे उसके स्वप्न के बारे में बस इतना पता है कि शिव-अथर्व-शीर्षम् उसका प्रिय स्तवन है, और यह पंक्ति उसी स्तवन का 18 वाँ मंत्र है । उसके स्वप्न के विवरण में अन्य बातों के आधार पर मैं उसकी तसल्ली के लिए - मुझे जैसी उचित जान पड़ती है, वैसी व्याख्या उसे कह देता हूँ । फिर मुझे याद आता है कि उसने उसके स्वप्न में वातावरण के नम और आर्द्र होने तथा चारों ओर जल के विस्तार (बाढ़) का उल्लेख किया था । उसने वहाँ पर एक या दो बैल भी देखे, जिनमें से एक उसे पीठ पर बिठाकर वापस उसके घर छोड़ आया था ।
'आपः' से मुझे आप नाम के राजनीतिक दल की याद आई । अरविन्द केजरीवाल की पार्टी की । मुझे व्यक्तिगत रूप से किसी राजनीतिक दल या राजनीति में क़तई रुचि नहीं है । किन्तु 'आप:' अर्थात् जल से उस स्वप्न का संबंध साफ़ नज़र आ रहा था ।
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उसके जाने के बाद पंचांग खोलकर देखता हूँ तो पता चला कि 'प्लवंग' नामक संवत्सर इसी चैत्र प्रतिपदा से प्रारंभ हुआ है । जिसका अर्थ है : प्लवम् + गम् , अर्थात् 'बाढ़' की ओर जाने / ले जाने वाला । तात्पर्य यह कि इसे अगर 'क्ल्यू' मानें तो इस लोकसभा चुनाव में 'आप' के भारी बहुमत से विजयी होने की संभावना है, ऐसा कहा जा सकता है । अभी 'प्लवंग' के आगमन से पूर्व 'पराभव' नामक संवत्सर चल रहा था । इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि पिछले वर्ष जो था, उसका पराभव / हार होना है ।
लेकिन प्रधानमंत्री कौन होगा ? अरविन्द केजरीवाल की संभावना इसलिए कम है क्योंकि बाढ़ के पानी में 'अरविन्द' (कमल) नहीं खिलते । और इसी कसौटी पर भाजपा की सरकार (कमल) की विजय भी संदिग्ध जान पड़ती है । इसलिए मुझे लगता है कि कोई तीसरा ही 'प्रधानमंत्री' होगा ।
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कृपया ध्यान दें -
उपरोक्त पोस्ट सिर्फ शुद्ध मनोरंजन की दृष्टि से लिखी गई है, और इसे केवल उसी भावना से पढ़ा जाए ।
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और 'सिस्टम' ऑफ़ करते करते ख्याल आया कि उसके स्वप्न में 'नमो' का भी तो स्पष्ट उल्लेख / संकेत था ! क्या इसका अर्थ यह किया जाए कि भाजपा की overwhelming जीत होगी ? या यह कि भाजपा (नमो) 'आप' की सहायता से सरकार बनाएँगे ? अनुमान है बस,
आगे-आगे देखिए होता है क्या !
ख़ामख़याली
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