~~~~~~~~~~ आरम्भ ~~~
~~यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत, ~~~~
~~~~अभ्युत्थानमधर्मस्य स्वात्मानं सृजाम्यहम, ~~~~~
~~परित्राणाय साधूनाम विनाशाय च दुष्कृताम, ~~~~
~~यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत, ~~~~
~~~~अभ्युत्थानमधर्मस्य स्वात्मानं सृजाम्यहम, ~~~~~
~~परित्राणाय साधूनाम विनाशाय च दुष्कृताम, ~~~~
~~~~धर्मसंस्थापनार्थाय, संभवामि युगे युगे । ~~~~
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