कविता / 02-08-2025
सुख क्षणिक है, दुःख क्षणिक है,
और परिचय है क्षणिक,
स्मृति क्षणिक है, व्यथा क्षणिक है,
राग अनुराग है क्षणिक,
भावना, अनुमान, वृत्ति भी क्षणिक है,
विपर्यय, विकल्प, निद्रा, स्मृति क्षणिक!
स्वप्न, जागृति, सुषुप्ति और समाधि भी,
संप्रज्ञात, असंप्रज्ञात या कि सविकल्प भी!
क्षणिक में अव्यवसायात्मिका,
व्यवसायरत अहं-बुद्धि,
हानि लाभ तौलती, प्रपंच-रत,
कृपण अहं-बुद्धि यह!
अरे आत्मवंचक वणिक!
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