December 12, 2012
September 25, 2012
August 28, 2012
August 08, 2012
August 04, 2012
July 23, 2012
बहाने
बहाने
जब उनसे कहा गया
कि सिर्फ बैठे रहने
और आँसू बहाते रहने से,
कुछ नहीँ होगा ।
जिँदगी को बेहतर बनाने के लिए
पसीना बहाना होता है,
तो उन्होँने खून की इतनी नदियाँ बहानी चाहीँ
कि कोई
आँसू या पसीना बहानेवाला
बाकी ही न रहे !
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जब उनसे कहा गया
कि सिर्फ बैठे रहने
और आँसू बहाते रहने से,
कुछ नहीँ होगा ।
जिँदगी को बेहतर बनाने के लिए
पसीना बहाना होता है,
तो उन्होँने खून की इतनी नदियाँ बहानी चाहीँ
कि कोई
आँसू या पसीना बहानेवाला
बाकी ही न रहे !
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July 09, 2012
May 12, 2012
March 31, 2012
'उस' की कविता 30-03-2012./
'उस' की कविता
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यह कुछ नया है !! ब्लॉगर के नए फॉर्मेट में ट्राय कर रहा हूँ !!!!!!!!
ऊपर प्रस्तुत कविता के साथ दिया स्केच मेरा किया है . बुद्धि की भाषा
में कला की व्याख्या करें तो एक पक्षी व्योम में घूम रहा है शायद मैं !!
एक खिड़की जो खुली है या बंद यहाँ इस पर निर्भर करता है कि आप
उसे दीवार में देखते हैं, या किसी चौकोर बीम के एक समतल सिरे के
रूप में देखते हैं ! पक्षी खिड़की से बाहर है, या कहीं और,..
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यह कुछ नया है !! ब्लॉगर के नए फॉर्मेट में ट्राय कर रहा हूँ !!!!!!!!
ऊपर प्रस्तुत कविता के साथ दिया स्केच मेरा किया है . बुद्धि की भाषा
में कला की व्याख्या करें तो एक पक्षी व्योम में घूम रहा है शायद मैं !!
एक खिड़की जो खुली है या बंद यहाँ इस पर निर्भर करता है कि आप
उसे दीवार में देखते हैं, या किसी चौकोर बीम के एक समतल सिरे के
रूप में देखते हैं ! पक्षी खिड़की से बाहर है, या कहीं और,..
March 18, 2012
March 16, 2012
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