November 06, 2018

आज की कविता / खुशबू

मैं हवा की तरह आया था,
मैं हवा सा लौट जाऊंगा,
तेरी साँसों से तेरे दिल में,
मैं चुपके से उतर जाऊंगा।
नज़र आऊंगा मैं हर तरफ,
लेकिन न देख पाओगे,
हर तरफ क्योंकि मैं तब,
खुशबू सा बिखर जाऊंगा। 
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