December 16, 2017

आज की कविता / बोझ

आज की कविता
बोझ
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जीवन नहीं,
उम्र बोझिल होती है,
नहीं-नहीं,
उम्र नहीं,
अतीत बोझिल होता है,
नहीं-नहीं,
अतीत नहीं,
समय बोझिल होता है,
नहीं-नहीं,
समय नहीं,
याददाश्त
बोझिल होती है ।
और जब,
याददाश्त मिट जाती है,
उम्र भी मिट जती है,
उतर जाता है,
सारा बोझ सिर से,
पलक झपकते!
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