November 16, 2017

सृजन अश्रु है!

सृजन अश्रु है!
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अश्रु भी सृजन है,
इसलिए आह्लाद है,
अश्रु भी विरह है,
इसलिए पीड़ा है,
अश्रु भी मिलन है,
इसलिए सुख है,
अश्रु भी प्रकृति है,
इसलिए मुक्ति है,
अश्रु जब बहता है,
स्रष्टा है, सरिता है,
अश्रु जब रुकता है,
कथा है, कविता है !
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