August 04, 2017

'च' से 'ज' / 'ज़' तक - नुक्‍ता चीं - अनुक्‍त-चिह्नकोश

'च' से 'ज' / 'ज़' तक -नुक्ता
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चक़मक़ (पत्थर),
चख़, चख़-चख़ (वाक्युद्ध),
चटख़ारा (स्वाद लेकर),
चपड़क़नाती (चिकनी-चुपड़ी बातें),
चरख़ा (सूत कतने का, चक्र, पहिया),
चरख़ी (कुम्हार का चाक, कोल्हू, धागा या डोरी लपेटने का पहिया),
चाक़ (काटना, चाक़-जिगर, चाक़-दामन),
चाक़-चौबन्द (चुस्त-दुरुस्त),
चारख़ाना (चौकड़ीदार, वर्गाकृति),
चिराग़ चराग़ (दीपक),
चिराग़-गुल (होना), (बुझना, अंधेरा होना),
चिराग़-दान (दीप-स्तंभ),
चिलग़ोज़ा (चीड़वृक्ष का फल),
चीख़ (डर या दर्द से मुँह से मिकलनेवाली ऊँची आवाज़),
चीख़ना,
चीज़ (वस्तु) [संस्कृत चि > चयित > चुनी हुई, अंग्रेज़ी choice, choose],
चुग़द (उल्लू, मूर्ख),
चुग़ल (ख़ोर),
चुग़ली,
चूज़ा (मुर्ग़ी का बच्चा),
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ज / ज़
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ज़ंग (लोहे में लगना),
जंग (युद्ध, लड़ाई),
ज़ँगाना (ज़ंग लगना),
ज़ँजीर (श्रँखला),
ज़ंजीरी,
ज़ईफ़ी (कमज़ोरी, बुढ़ापा),
ज़क (हार, पराजय),
ज़कात (कर, टैक्स, दान),
ज़ख़म (घाव),
ज़ख़मी (घायल),
ज़ख़ीरा (संग्रह, भंडार),
ज़ख़्म (ज़ख़म),
ज़ख़्मी (ज़ख़मी),
ज़चा / ज़च्चा (प्रसूता),
जज़बात (भावनाएँ),
जज़िया (जिज़िया : इस्लाम के अनुसार ग़ैर-इस्लामी लोगों पर लगाया जानेवाला कर),
जज़ीरा (द्वीप),
जज़्ब (सोखना),
जज़्बा (भावना, भावुकता),
जज़्बात / जज़बात (भावनाएँ, भावुकताएँ),
ज़न (स्त्री),
ज़नख़दाँ (ठुड्डी),
जनख़ा (नपुंसक),
जनाज़ा (शव, अरथी),
ज़नानख़ाना (रनिवास),
ज़नाना (स्त्री, स्त्रियों से संबंधित),
ज़नानापन (स्त्रैण),
जफ़ा (निष्ठुरता, अन्याय, कठोर व्यवहार),
ज़फ़ीर (सीटी जैसी ध्वनि),
ज़फ़ील (सीटी की आवाज़),
ज़बर (बलशाली),
ज़बरदस्त,
ज़बह (पशुवध),
ज़बान (जिह्वा, वाणी, वचन),
ज़बानी (मौखिक),
ज़बून (अशक्त, दुर्बल),
ज़ब्त (रोकना, निग्रह, अधिकार में रखना),
ज़ब्ती (ज़ब्त किया गया सामान),
ज़मज़म (मक्का स्थित प्रसिद्ध कुआँ),
ज़मानत , ज़मानतन,ज़मानती,
ज़माना (समय, काल-विशेष),
ज़मीं (ज़मीन, भूमि),
ज़मींक़न्द, ज़मींदार,
ज़मीन, ज़मीनी,
ज़मीर (दिल, मन, विचार),
ज़र (सोना-चाँदी, ज़ेवर-ज़ेवरात, अंग्रेज़ी जेवेलरी),
ज़रद (पीले रंग का),
ज़रदा (तम्बाखू),
ज़रदी (पीलापन, अंडे का पीला अंश),
ज़रब (धक्का, आघात, गुणा),
ज़रबीला (प्रभावशाली),
ज़रर (हानि, क्षति),
ज़रा (थोड़ा सा),
ज़राफ़त (हाज़िरजवाबी, तत्कालबुद्धि),
ज़री (ज़र, सोना-चाँदी, ज़ेवर-ज़ेवरात, अंग्रेज़ी जेवेलरी),
ज़रूर (अवश्य),
ज़रूरत,
ज़रूरियात (ज़रूरी बातें),
ज़र्द (पीले रंग का),
ज़र्दा (ज़रदा, तमाखू),
ज़र्दी / ज़रदी (पीलापन, अंडे का पीला अंश),
ज़र्रा (कण, कंकड़,ज़लज़ला (भूकम्प),
ज़लालत (घटियापन, दुष्टता, नीचता, अपमान),
[जलाल - शानदार, महिमापूर्ण],
ज़लील (अपमानित, बेइज़्ज़ती करना),
ज़वाल (ढलता हुआ, क्लेश, दरिद्र, दीन-हीन होना, विपन्नता),
ज़हमत (असुविधा, परेशानी, तकलीफ़),
ज़हर (विष),
ज़हरी / ज़हरीला,
जहाज़ जहाज़ी,
ज़हीन (बुद्धिमान, प्रतिभाशाली),
जहेज़ (दहेज),
ज़ाकिर (स्मरण में) [ज़िक्र, मज़कूर (जिसका उल्लेख किया जाए), मुज़ाक़िर],
ज़ात (मूल चरित्र, प्रकृति, प्रकार, स्वरूप, स्व),
[मैं अपनी ज़ात में नीलाम हो रहा हूँ क़तील ,
ग़मे-हयात से कह दो ख़रीद लाए मुझे],
ज़ाती (आन्तरिक, निजि, व्यक्तिगत), [ज़ाती ममला],
ज़ाफ़रान (केसर),
ज़ाफ़रानी (केसरिया, नारंगी), केसरयुक्त,
जाफ़री (बाँस की जाली या पर्दा),
जफ़ा (वृद्धि), [इजाफ़ा, संस्कृत एध, एधमान > बढ़ता हुआ, ईन्धन अग्नि],
ज़ाबित (स्व-निग्रह, आत्म-संयम),
ज़ब्ता (प्रक्रिया, विधि, ज़ाब्ता-ए-हिन्द),
ज़ायक़ा (स्वाद),
जायज़ (वैध),
जायज़ा (जाँच, परीक्षा, पड़ताल),
ज़ामिन (ज़मानत देनेवाला),
ज़ार (ज़ार-ज़ार रोना), फूट-फूटकर, बिलख-बिलखकर रोना,
ज़लिम (क्रूर), [ज़ुल्म],
ज़ालिमाना (क्रूरतापूर्ण),
ज़लिमी (क्रूर, क्रूरतापूर्ण),
ज़हिद (समर्पित),
ज़ाहिर (स्पष्ट, खुला),
ज़ाहिरा (स्पष्टतः, साफ़ तौर पर),
ज़ाहिरी (ज़ाहिर),
ज़ाहिल (लापरवाह), [जाहिल - असभ्य, अनपढ़, गँवार],
ज़िन्दगानी (ज़िन्दगी, जीवन),
ज़िन्दा (जीवित),
ज़िक्र (उल्लेख),
जिज़िया (जज़िया),
ज़िद (हठ),ज़िदियाना (हठ करना),
ज़िद्द (ज़िद, हठ),
ज़िबह ज़बह (वध / बलि),
ज़िम्मा (दायित्व),
ज़िम्मादार ज़िम्मेदार ( जिस पर दायित्व है),
ज़िम्मावार, ज़िम्मेवार, ज़िम्मेदारी, ज़िम्मेवारी,
ज़ियाफ़त (आतिथ्य, अतिथि-सत्कार),
ज़िरह (संदेश-श्रँखला), ज़ँजीर (श्रँखला),
ज़ियारत (तीर्थयात्रा) [संस्कृत -यायावरत, यायावरी],
ज़िला (राजस्व-क्षेत्र),
ज़िलादार, ज़िलावार,
ज़िल्लत, ज़लालत (अपमान, तिरस्कार),
ज़िहन ज़ेहन (बुद्धि, मन, दिमाग़, समझ),
ज़ीन (बैठने के लिए घोड़े पर लगाई जानेवाली काठी),
ज़ीन (बहुत मोटा सूती कपड़ा),
ज़ीनत (सौन्दर्य, शोभा, अलंकार),
ज़ीना (सीढ़ियाँ),
ज़ीर, ज़िरह, (संदेश-श्रँखला),
ज़ीरा (जीरा),
ज़ुकाम (सर्दी-ज़ुकाम),
जुज़ (हिस्सा, टुकड़ा, अंश),
जुज़ो-कुल, जुज़बन्दी (ग्रन्थ की जिल्द बाँधना),
ज़ुलुम, ज़ुलम, ज़ुल्म, ज़ुल्मियत (अत्याचार, अन्याय, क्रूरता),
ज़ुल्फ़ (केश, बाल),  
ज़ुल्फ़ी (बालों का),
ज़ुल्म ज़ुलम ...,
ज़ेर (निम्न-स्तर का),
ज़ेवर (गहना),
ज़ेवरात,
ज़ेहन, ज़िहन (बुद्धि, मन, दिमाग़, समझ),
ज़ोम (पूर्वाग्रह, आक्रामकता, डिठाई),
ज़ोर (ताक़त, बल),
ज़ोहरा (शुक्र ग्रह),
ज़ौक़ (स्वाद, आस्वाद, रस), [ज़ौक़-शौक़],
ज़्यादती (आधिक्य, अधिकता, दमन करना, ज़ोर-ज़बर्दस्ती),
ज़्यादा (अधिक), [संस्कृत -ज्यायतः, ज्येष्टता],
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